सब याद रखा जाएगा
जब अंधेरे की साजिश में शामिल हर एक जुगनू,
जब रौशनी का दुश्मन बन जाएगा
सब याद रखा जाएगा , सब याद रखा जाएगा
जब क़यामत से चंद रोज़ पहले,
सारे गूंगे मिलकर चिल्लायेंगे, और हुक्मरानों के कानों में लकीरे खींचते जाएगे
सब याद रखा जाएगा, सब याद रखा जाएगा
जब खाक ऐ सार की जाएगी किताबें सारी
जब इंसानियत लहूलुहान की जाएगी
जब बहरे बैठे होंगे सल्तनत पर
और बे औलादो से औलादे, क़त्ल ऐ आम की जाएगी
सब याद रखा जाएगा, सब याद रखा जाएगा
कैसे आपस में बाँट कर हमें यह,
खुद जश्न मनाएंगे, हम जैसे लड़ कर
आपस में मर जाएगे,
और फिर यही हमारी मौत को खुद की जीत बताएंगे
सब याद रखा जाएगा,सब याद रखा जाएगा
जब लाशों के ढेर से ज़ज्बात उखेड़े जाएगे
जब रोती बिलखती आँखों से आँसू छीने जाएगे
सब याद रखा जाएगा,सब याद रखा जाएगा
जब सारे बदन बिक चुके होंगे, और रूह बेची जाएगी
जब काट दी जाएगी ज़ुबान, और फिर भी चिल्लायेंगे
अपने अपने हिस्से का सच, माज़ी की दीवारों पर लिख आएंगे
और बाँट तो चाहे टुकड़े में, यह मोहब्बत एक कर लाएगी
इन बम बिस्फोटो की आवाज़ से भी उच्ची
हमारी इंकलाब की आवाज़ आएगी !!!
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